Breast Cancer (स्तन कैंसर) - कारण, प्रकार, लक्षण और इलाज़
महिलाओं के ब्रैस्ट कैंसर के बारे में हम सब ने सुना है और हम यह भी जानते हैं कि यह बीमारी कितनी घातक है। अगर हम कैंसर की वजह से होने वाली death के बारे में बात करें तो पाएंगे कि ब्रैस्ट कैंसर इसमें दूसरे नंबर पर आता है और यह शहरी और ग्रामीण हर क्षेत्र में तेजी से फैलता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत में ब्रैस्ट कैंसर के 1,62,468 केस दर्ज़ किये गए थे जिसमे में करीब 87,000 मरीजों की मृत्यु हुई थी। देखने में आम लगने वाली ये बीमारी भारत में कैंसर से होने वाली मृत्यु का एक बड़ा कारण बनती जा रही है। Breast Cancer: Causes, Types and treatment in Hindi के ज़रिये हम महिलाओं को इस प्रकार की घातक बीमारी से अवगत करना चाहते हैं ताकि वो समय रहते इसकी पहचान कर ब्रैस्ट कैंसर का इलाज करा पाएं
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हमें इस बीमारी के बारे में गहराई से समझने की ज़रूरत है ताकि हम अपने घर की महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल और अच्छी तरह कर सकें। हमारे Live in Zeal के इस ब्लॉग में आज का लेख इसी विषय पर आधारित है और इस लेख में आप जानेगे कि ब्रैस्ट कैंसर क्या होता है, इसकी कितनी अवस्थाएं (stages) होती हैं, स्तन कैंसर होने के क्या कारण हैं, इसके लक्षण (symptoms) क्या होते हैं और इसका इलाज (treatment) कैसे संभव है।
✅Table of Content
- ब्रैस्ट कैंसर क्या है ? (What is Breast Cancer in Hindi)
- ब्रैस्ट कैंसर की अवस्थायें (Different Stages of Breast Cancer In Hindi)
- ब्रैस्ट कैंसर के मुख्य कारण क्या हैं? (Main Causes of Breast Cancer in Hindi)
- ब्रैस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण क्या हैं? (What is the Main Symptoms of Breast Cancer Hindi)
- ब्रैस्ट कैंसर का इलाज़ क्या हैं? (What is the Treatment of Breast Cancer)
ब्रैस्ट कैंसर क्या है ? (What is Breast Cancer in Hindi)
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जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारा शरीर कई तरह की कोशिकाओं से मिलकर बना है जो हमारे शरीर में अहम भूमिका निभाती हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह स्तन भी कई कोशिकाओं से मिलकर बने हैं पर जब इन कोशिकाओं में किसी कारणवश अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है तो यह एक प्रकार के ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। जो कि महिलाओं को उनके स्तन में एक गाँठ की तरह भी महसूस होती है। इसी को मेडिकल भाषा में ब्रैस्ट कैंसर या स्तन कैंसर कहते हैं। आप चाहे तो इसे एक्सरे में भी देख सकते हैं।
ब्रैस्ट कैंसर की अवस्थायें (Different Stages of Breast Cancer In Hindi)
काफी लोगों के ज़हन में इस बीमारी को लेकर तरह - तरह की भ्रांतियां (अफवाह) हैं। हम लोगों को इसकी अवस्थाएं (स्टेज) आसानी से समझाने के लिए डॉक्टर्स ने ब्रैस्ट कैंसर को 0-4 अवस्थाओं में विभाजित (divide) किया है।
ब्रैस्ट कैंसर की निम्न अवस्था (0 Stage)
यह ब्रैस्ट कैंसर की निम्न अवस्था शुरुआती Stage है, इसमें यह कैंसर स्तन में सिर्फ दूध बनाने वाली कोशिकाओं तक ही सीमित रहता है। इस अवस्था में ये हमारे शरीर के किसी अन्य हिस्सों को प्रभावित नहीं करता है।
ब्रैस्ट कैंसर की पहली अवस्था (1st Stage of Breast Cancer)
स्तन कैंसर की पहली अवस्था (First Stage of Breast Cancer) में कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि होने लगती है और यह अपने आसपास की कोशिकाओं को प्रभावित करना शुरू कर देती हैं। धीरे-धीरे ये हमारे लिम्फ नोड, जिसे हम लसिका ग्रंथि भी कहते हैं वहां तक पहुँच जाती और हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करना शुरू कर देती है।
ब्रैस्ट कैंसर की दूसरी अवस्था (2nd Stage of Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर की दूसरी अवस्था (Second Stage of Breast Cancer) में यह शरीर में काफी तेजी से फैलता है और शरीर के अन्य अंगो जैसे वसा कोशिकाओं को भी प्रभावित करने लगता है। ब्रैस्ट कैंसर को हमे जितना जल्दी हो सके पहचानकर उसका इलाज़ शुरू करवा देना चाहिए।
ब्रैस्ट कैंसर की तीसरी अवस्था (3rd Stage of Breast Cancer)
ब्रैस्ट कैंसर की तीसरी अवस्था (Third Stage of Breast Cancer) अन्य दो अवस्थाओं (स्टेज) से ज्यादा गंभीर और परेशांन करने वाली है क्योंकि इसमें कैंसर की कोशिकाएं हमारे शरीर की हड्डियों और कालर बोन, जिसे हम हसली भी कहते हैं उसमें अपनी जगह बना चुकी होती है और इस stage से डॉक्टर्स के लिए इसका इलाज़ करना और भी मुश्किल हो जाता हैं।
ब्रैस्ट कैंसर की चौथी अवस्था (4th Stage of Breast Cancer)
स्तन कैंसर की चौथी अवस्था (Fourth Stage of Breast Cancer) आखिरी और सबसे ज्यादा गंभीर अवस्था है। इस स्टेज में कैंसर हमारे शरीर की हड्डियों के अलावा फेफड़ों, लिवर में और हमारे मस्तिष्क (दिमाग) तक पहुँच जाता है और इसके बाद ब्रैस्ट कैंसर का इलाज़ लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसीलिए इस बीमारी को गंभीरता से समझना और समय से इसका इलाज़ करना बहुत ज़रूरी है।
ब्रैस्ट कैंसर के मुख्य कारण क्या हैं? (Main Causes of Breast Cancer in Hindi)
डॉक्टर्स के अनुसार महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर कुछ मुख्य कारकों की वजह से होता हैं जिनके बारे में हम नीचे Breast Cancer (स्तन कैंसर) - कारण, प्रकार, लक्षण और इलाज़ ब्लॉग में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं ब्रैस्ट कैंसर के प्रमुख कारण कौन से हैं।
ब्रैस्ट कैंसर के आनुवंशिक कारण (Genetic Reasons of Breast Cancer)
ब्रैस्ट कैंसर होने के वैसे तो कई कारण हैं लेकिन इसका मुख्य कारण आनुवंशिक या पारिवारिक इतिहास बताया गया है। यानी यह बीमारी मुख्य रूप से उन महिलाओं में देखी गयी है जिनके परिवार में कोई अन्य महिला जैसे उनकी माँ, बहन या मौसी को इस प्रकार की समस्या हो।
गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन (Uses of Birth Control Pills)
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गर्भ निरोधक दवाओं का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है और साथ ही बढ़ गयी है इनसे होने वाली समस्याएं। हमारे डॉक्टर्स ने इसे साबित किया है कि गर्भ निरोधक दवाओं के अधिक उपयोग से ब्रैस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए इन दवाइयों का सेवन अत्यधिक ना करें और हो सके तो अपने साथी से precautions लेने के लिए कहें।
शराब का सेवन ब्रेस्ट कैंसर का कारण (Uses of Alcohol is Cause of Breast Cancer)
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शराब (मदिरा) का सेवन (Drinking Alcohol) तो हमारे लिए वैसे भी नुकसानदायक है लेकिन कुछ महिलाएं पश्चिमी संस्कृति को अपना रही हैं जिस वजह से वो कभी शौकिया तौर पर तो कभी अपनी आदत के चलते शराब पीने लगती हैं। लेकिन इससे होने वाली समस्याओं से अवगत नहीं होती। अगर आप भी शराब का सेवन करती हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, एक शोध से यह पता चला है कि शराब के सेवन से स्तन कैंसर (Breast Cancer) होने का खतरा और भी बढ़ जाता है। हमारे चिकित्सक भी हमें शराब ना पीने ही सलाह देते हैं।
अत्यधिक वज़न से ब्रेस्ट कैंसर का होना (Breast Cancer Due to Obesity)
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ब्रैस्ट कैंसर होने का एक कारण हमारे शरीर के वज़न जरुरत से ज्यादा होना भी है। मोटापा वैसे भी हमारी जीवन शैली को प्रभावित करता है और इस बीमारी के लक्षण को बढ़ाता है।मोटापा बढ़ने के साथ ही हमारे शरीर में कई अन्य समस्याएं भी घर कर लेती हैं जैसे, डायबिटीज (Diabetes), हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol), हार्ट प्रॉब्लम (heart problem) आदि।
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शिशु को स्तनपान ना कराना (Avoid Breast Feed of Babies)
शायद आप में से कई लोगों ने इस वाक्य को किसी हॉस्पिटल या फिर किसी डॉक्टर के यहाँ जरूर पढ़ा होगा कि नवजात शिशु के लिए स्तनपान बहुत जरुरी है। पर क्या आपको पता है कि स्तनपान करने से न केवल नवज़ात शिशु का स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि यह ब्रैस्ट कैंसर को होने से भी रोकता है और डॉक्टर भी हमें Breast Feeding की सलाह देते हैं। पर जो महिलाएं स्तन पान नहीं कराती हैं उनमे यह बीमारी अक्सर देखने को मिलती है।
ब्रैस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण क्या हैं? (What is the Main Symptoms of Breast Cancer Hindi)
ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण कई तरह के हो सकते हैं लेकिन इसके 5 मुख्य लक्षण (main symptoms) जिन्हे हर कोई आसानी से पहचान सकता है वह Breast Cancer: Causes, Types and treatment ब्लॉग में नीचे बताये गए हैं। इन लक्षणों को कोई भी महिला आसानी से identify कर सकती हैं।
स्तन या अंडर आर्म में गाँठ का होना (Presence of Breast Lump in body)
स्तन में या फिर अंडर आर्म्स में गाँठ का होना भी ब्रैस्ट कैंसर का कारण हो सकता है। इसीलिए अगर आपको अपने स्तन या अंडर आर्म्स में कोई गाँठ महसूस होती है तो अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें, क्योंकि इस बीमारी के बारे में वो आपसे बेहतर जानते हैं। इसकी समय से पहचान होने पर ब्रैस्ट कैंसर का इलाज़ आसान हो जाता है।
स्तन के आकार में बदलाव होना (Changes in Breast Size)
मोटापे (Obesity) में वजन बढ़ने की वजह से स्तन के आकार (Breast Size) में बदलाव आना स्वाभाविक है, लेकिन ये बदलाव किसी सामान्य महिला में आ रहे हैं तो ये स्तन कैंसर के कारण भी तो सकता है क्योकि ब्रैस्ट कैंसर के मरीज़ों में ये आम तौर पर देखने को मिलता है कि इस बीमारी में उनके स्तन का आकार में बदलाव (change) हो जाता है। इसीलिए अगर इस प्रकार का कोई भी लक्षण आपको दिखाई देता है तो बिल्कुल भी नज़र अंदाज़ न करें।
स्तन में सूजन के साथ दर्द होना (Breast Pain with Swelling)
ब्रैस्ट कैंसर से प्रभावित महिलाओं को उनके स्तन में सूजन (Swelling in Breast and Pain) और उसमे दर्द की शिकायत भी हो सकती है। ये कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है, जो ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण हो सकता है। इसका इलाज़ न कराने पर यह आपके शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है।
स्तन की त्वचा का लाल होना (Red Spots on Breast)
इस बीमारी में महिलाओं के स्तन की त्वचा लाल रंग (Breast Rash) की होने लगती है, और इसमे जलन के साथ दर्द की शिकायत भी शुरू हो जाती है। इसलिए यह जरुरी है कि इस प्रकार के लक्षण यदि आपको अपने शरीर में दिखाई दें तो इन्हे नज़रअंदाज़ ना करें और अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
निप्पल में खुजली के साथ तरल का रिसाव होना (Fluid Leakage from Nipples)
ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर cases में मरीज़ को उसके निप्पल्स में खुज़ली महसूस होती है एवं उनमे से एक प्रकार का तरल (liquid) पदार्थ, जो कि रक्त भी हो सकता है- उसका रिसाव होने लगता है। यह ज्यादातर तीसरी अवस्था में हो सकता है और इस अवस्था में इलाज़ थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
ब्रैस्ट कैंसर का इलाज़ क्या हैं? (What is the Treatment of Breast Cancer)
ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) के इलाज़ के बारे में जानने से पहले आपको यह बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि स्तन कैंसर का सफल इलाज़ इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इसके लक्षणों को कितनी जल्दी पहचान कर इलाज शुरू कर दिया है। क्योंकि आप जितना जल्दी Breast Cancer के symptoms को पहचान पाओगे इसका इलाज़ उतना ही आसान हो जायेगा। आगे ब्लॉग में हम चिकित्सकों द्वारा बताये गए ब्रैस्ट कैंसर के इलाज (Best Treatment of Breast Cancer) के बारे में बताने जा रहे हैं।
ब्रैस्ट कैंसर का कीमोथेरेपी से सफ़ल इलाज़ (Breast Cancer Treatment by Chemotherapy)
ब्रैस्ट कैंसर का पता अगर शुरुआती स्टेज में ही चल जाए तो फिर कीमोथेरेपी करने की ज़रूरत नहीं होती है। इसमें स्तन के अंदर की गाँठ को सर्जरी करके निकाल दिया जाता है। लेकिन बिमारी बढ़ने के बाद कीमोथेरेपी का सहारा लेना पड़ता है।
हालाँकि कीमोथेरेपी को ब्रैस्ट कैंसर के इलाज़ में सबसे कारगर और दर्दरहित प्रक्रिया माना गया है। इसमें मरीज़ को दवाइयाँ और इंजेक्शंस दिए जाते हैं और इसमें मरीज़ को दर्द भी नहीं होता। इन दवाइयों का मुख्य कार्य ट्यूमर को सुकोड़ कर उसे बढ़ने से रोकना होता है। इसमें सेट्यूक्सीमेब इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी बाज़ार में कीमत करीब 2 से 2.5 लाख रूपये तक है। लेकिन अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला अस्पतालों में इस इलाज को 15 से 20 हज़ार रूपये में किया जा रहा है।
बॉयोप्सी द्वारा ब्रैस्ट कैंसर का इलाज़ (Breast Cancer Treatment from Biopsy)
बॉयोप्सी एक प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे शरीर के इन्फेक्टेड हिस्से टिशूज़ (ऊतकों) को निकाल कर उन्हें प्रयोगशाला (laboratory) में जांच के लिए भेजा जाता है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य बीमारी की गंभीरता को पता लगाना होता है, जिससे बीमारी का इलाज़ सटीक और सफल तरीके से किया जा सके।
रेडिएशन थेरेपी द्वारा ब्रैस्ट कैंसर का इलाज (Breast Cancer Treatment with Radiotherapy)
स्तन कैंसर के इलाज़ में रेडिएशन थेरेपी (रेडियोथेरेपी) का भी प्रयोग किया जाता है। इस थेरेपी से सर्जरी के बाद होने वाले स्तन कैंसर का खतरा भी काफी काम हो जाता है। प्रक्रिया के समय मशीनों द्वारा ट्यूमर को स्कैन किया जाता है और उसी के अनुसार रेडिएशन का प्रयोग होता है क्योंकि ज्यादा रेडिएशन भी मरीज़ के लिए नुकसान दायक हो सकता है। इस थेरपी में मात्र 15 से 20 मिनट का समय लगता है मगर इस थेरपी का खर्च काफी होता है जो कि 2 से 3 लाख रूपये तक आ सकता है। इसलिए हर कोई इस थेरेपी को करवाने में सक्षम नहीं होता।
मेमोग्राफी द्वारा ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (Breast Cancer Treatment with Mammography)
मेमोग्राफी करने की सलाह डॉक्टर्स हमेशा देतें है खास तौर से उन महिलाओं को जिनकी उम्र 45 साल से अधिक है। इस प्रक्रिया के ज़रिये डॉक्टर्स यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि स्तन में कोई गाँठ या ट्यूमर तो नहीं है। मेमोग्राफी एक प्रकार का सॉफ्ट टिशू एक्सरे होता है जिससे ब्रैस्ट में मौजूद अत्यंत छोटे ट्यूमर या गाँठ का पता शुरुआती अवस्था (initial stage) में ही चल जाता है और इसे बढ़ने से पहले ही इलाज़ के द्वारा ठीक किया जा सकता है।
इस बात में कोई दोराय नहीं कि स्तन कैंसर पहले की अपेक्षा काफी तेजी से फ़ैल रहा है। पर याद रखें - आप इस बीमारी के लक्षणों को जितना जल्दी पहचानोगे, इसका ईलाज उतनी ही आसानी से और सही तरीके से हो सकेगा। प्रतिदिन व्यायाम करें, संतुलित आहार लें एवं अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण, प्रकार और इलाज़ ब्लॉग के ज़रिये हमने पूरी कोशिश की है कि हम आपको ब्रैस्ट कैंसर से होने वाली परेशानियों, ब्रैस्ट कैंसर के कारण, इसकी विभिन्न अवस्थाएं, लक्षण और स्तन कैंसर के इलाज़ के बारे में विस्तार से बता सकें। ताकि आप इस गंभीर समस्या से खुद का बचाव कर सकें। कृपया इस बीमारी को गंभीरता से लें एवं अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करे। आपके अच्छे स्वास्थ्य की हम कामना करते हैं।
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धन्यवाद !
Sir,
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