आज के समय में भारतीय महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर उनके साथ काम कर रही हैं। महिलाओं ने लगभग हर कार्यक्षेत्र में अपनी काबिलियत को साबित किया है। इस बात को हम बड़े गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत की प्रत्येक क्षेत्र में हो रही प्रगति के पीछे महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन एक सच यह भी है कि अपने कार्यक्षेत्र में व्यस्त रहने के कारण महिलाओं को अक्सर कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में अक्सर होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव इस बात का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। जिस वजह से महिलाओं को पीरियड्स का समय पर ना आना, पीरियड्स के समय ज्यादा दर्द होना, कील मुहांसे निकला और वजन का घटना या अत्यधिक बढ़ना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और जिसके लिए अधिकतर महिलाएं दवाइयों का सहारा भी लेती हैं। लेकिन अगर हम कहें कि आप नेचुरल तरीके से अपने शरीर के हार्मोन को बैलेंस करके इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकती हैं तो आप क्या कहेंगे? जी हाँ ये सच है, भारत की प्राचीन संस्कृति में ऐसे कई प्राकृतिक तरीके हैं जिनसे आप अपने हार्मोन्स को बैलेंस करके, उनसे होने वाली परेशानियों से निजात पा सकती हैं। इनमे से एक है "सीड्स साइकिलिंग" जो आज के समय में महिलाओं के शरीर के हार्मोन्स को संतुलित करने का सबसे कारगर तरीका है। इसमें कुछ खास बीजों के द्वारा शरीर के हॉर्मोन्स को संतुलित किया जाता है। तो आइये बिना देर करे आज का ब्लॉग शुरु करते हैं और Seeds Cycling for Hormone Balance - इन 4 बीजों से करे हॉर्मोन्स को संतुलित के जरिये इन सीड्स के और इनके उपयोग के बारे में विस्तार से समझते हैं।
Seeds Cycling for Hormone Balance - इन 4 बीजों से करे हॉर्मोन्स को संतुलित
हार्मोन के संतुलन के लिए सीड साइकलिंग एक बेहतरीन विकल्प है जो काफी सरल होने के अलावा सस्ता भी है और काफी समय से इन सीड्स का प्रयोग हॉर्मोन को संतुलित करने के लिए किया जाता रहा है। यह महिलाओं की PCOS (Seed Cycling for PCOS) जैसी समस्या में भी बहुत लाभ पहुँचाता है। Seeds Cycling शरीर के हॉर्मोन्स को कैसे संतुलित करता है यह जानने से पहले हमें कुछ बातों को समझना जरुरी है। तो चलिए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
Seed Cycling क्या है (What is Seed Cycling in Hindi)
सीड्स साइक्लिंग (Seeds Cycling) से तात्पर्य सीड्स यानी विभिन्न प्रकार के बीज और साइक्लिंग मतलब उन बीजों का सेवन महीने के विशिष्ट समय पर करना। सरल शब्दों में कहें सीड साइकिलिंग में आपको कुछ खास प्रकार के सीड्स का सेवन हर महीने के अलग अलग दिनों में करना होता है। ये महिलाओं के हॉर्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है और उनकी प्रजनन क्षमता में वृद्धि करने एवं अनियमित पीरियड्स को भी control करने में मदद करता है।
Reason for Hormonal Imbalance in Women (हॉर्मोन्स असंतुलित होने के कारण)
महिलाओं में हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance) का होना ज्यादातर देखने को मिलता है जिसकी वजह से उनमे कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। ऐसा होने के कुछ मुख्य कारण भी है। जिनको अनदेखा करने से हॉर्मोन असंतुलित होते हैं और शरीर पर बुरा प्रभाव डालते है।
Reason of Hormonal Imbalance
✔अन्हेल्दी डाइट (Unhealthy Diet)
✔मानसिक तनाव (Mental Stress)
✔गर्भ निरोधक दवाइयों का सेवन (Uses of Birth Control Pills)
✔थाइराइड (Thyroid)
✔आयोडीन की कमी का होना (Iodine Deficiency in Female)
✔लाइफस्टाइल (Unhealthy Life Style)
Hormonal Imbalance Symptoms in Women
ब्लॉग में हमने समझा कि आपके शरीर में हॉर्मोन असंतुलन के क्या कारण होते हैं, जिनकी वजह से महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब जानते हैं हॉर्मोन असंतुलन के लक्षणों के बारे में जिन्हे समय से पहचान कर आप सीड्स साइक्लिंग के जरिये इन्हे संतुलित कर सकते हैं और कई परेशानियों से खुद का बचाव कर सकते हैं।
Symptoms of Hormonal Imbalance
✔हर समय शरीर में थकान महसूस होना
✔अच्छी नींद ना आना
✔शरीर में गैस, कब्ज़ या एसिडिटी का होना
✔मानसिक तनाव और चिंता का बने रहना
✔मूड चिड़चिड़ा रहना
✔बालों का झड़ना या फिर समय से पहले सफ़ेद होना
इन लक्षणों के जरिये आप अपने शरीर में हो रहे हार्मोनल असंतुलन को आसानी से पहचान सकते हैं और Seeds Cycling के जरिये इन्हे ठीक कर सकते हैं।
Best Seeds for Hormonal Imbalance in Hindi (हॉर्मोनल संतुलन के लिए उपयोगी बीज)
अभी तक ब्लॉग में हमने जाना कि हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाने से किन समस्याओं का सामना करना पद सकता है जिसे सीड्स साइक्लिंग के द्वारा ठीक किया जा सकता है और साथ ही ये भी समझा कि सीड्स साइक्लिंग क्या होती है। अब हम बात करेंगे कि हॉर्मोन्स को संतुलित करने के लिए उपयोगी बीज कौन से हैं - Best Seeds for Hormonal Imbalance in Hindi, जिनके सेवन से आप Hormonal Imbalance को control कर सकते हैं।अलसी के बीज (Flax Seeds for Hormone Imbalance)
अलसी के बीज, जिन्हे हम Flax Seeds भी कहते हैं हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इन बीजों में ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन और लिग्नन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो हमारे शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन, फाइटोएस्ट्रोजन और लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है। यदि आप रोजाना अलसी के बीज का सेवन (Flax Seeds for Hormone Imbalance) नियमित रूप से करते हैं तो आपके शरीर के हॉर्मोन संतुलित होते हैं और कई अन्य फायदे भी देखने को मिलते हैं।
कददू के बीज (Pumpkin Seeds for Hormone Imbalance)
कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds) हो या फिर कद्दू की सब्जी दोनों ही बहुत से लोगों को पसंद नहीं आती है पर क्या आप जानते हैं कि ये बीज आपके शरीर के लिए कितने फायदेमंद होते हैं। कद्दू के बीज में कई पोषक पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जैसे विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड, जिंक, मैग्नीशियम, फाइटोएस्ट्रोजन आदि, जो शरीर में हॉर्मोन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बीज का सेवन (Pumpkin Seeds For Hormone Imbalance) आप पाउडर के रूप में या फिर इसे थोड़ा रोस्ट करके भी कर सकते हैं, जिससे महिलाओं में हॉर्मोन का स्तर कंट्रोल में रहता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स जैसे कि मैंगनीज, कॉपर और फॉस्फोरस आदि से खून में नमक की मात्रा सामान्य बनी रहती है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए जरुरी है। 2013 के एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कद्दू के बीज का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में सक्षम है।
तिल के बीज (Sesame Seeds for Hormone Imbalance)
तिल के बीज को आमतौर पर Sesame Seeds के नाम से भी जाना जाता है, जो खाने में स्वादिष्ट होने के साथ साथ कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है और हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। तिल के बीज की तासीर गर्म होती है जो शरीर को अंदर से गर्म रखती है और इसका सेवन आमतौर पर सर्दियों के मौसम में खुद को ठंड से बचने के लिए करते हैं। घरों में तिल के बीज का सेवन गुड़ के साथ मिलाकर किया जाता है जिसमे गुड़ और तिल के लड्डू, तिल के बिस्किट, गुड़पट्टी आदि शामिल हैं। इसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम एवं अन्य प्रकार के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। तिल के बीज का सेवन करने से (Sesame Seeds for Hormonal Imbalance) आप ना केवल अपने हॉर्मोन्स को संतुलित कर सकती हैं बल्कि शरीर की कई परेशानियों से भी खुद का बचाव कर सकती हैं।
सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds for Hormone Imbalance)
सूरजमुखी, जिसके नाम से ही इसके फायदों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। सूरजमुखी का फूल (Sunflower), देखने में काफी खूबसूरत होता है लेकिन असली खासियत सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds) में है जिसमे कई प्रकार के औषधीय गुण हैं और जिनके सेवन से (sunflower seeds benefits) आपके शरीर की कई स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण संभव है। प्राचीनकाल से ही हमारे आयुर्वेद में सूरजमुखी के बीजों को एक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। अगर बात करें इसके पोषक तत्वों की तो इसमें विटामिन सी, मिनरल, ओमेगा 3 फैटी एसिड के अलावा विटामिन बी6, विटामिन ई, कैल्शियम, जिकं, आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम और फॉस्फोरस जैसे कई औषधीय तत्व पाए जाते है। सूरजमुखी के बीज के सेवन (Sunflower Seeds for Hormone Imbalance) से आप हॉर्मोन्स को भी संतुलित कर सकते हैं और साथ ही खून की कमी एवं कोलेस्ट्रॉल जैसी शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकती हैं।
ये सभी बीज आपको बाजार में आसानी से मिल जायेंगे जिनका प्रयोग आप नीचे बताये गए निर्देशानुसार कर सकते हैं। हमारा सुझाव है कि आप सीड्स साइकिलिंग के लिए Organic Seeds का चुनाव करें, क्योंकि इन बीजों में किसी भी प्रकार के Pesticides नहीं होते हैं।
मासिक धर्म चक्र की अवस्थाएँ (Menstruation Cycle Phases in Hindi)
Seed Cycling शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि अभी आप किस अवस्था में है। नीचे दिए गए चित्र के जरिये Women Menstrual Cycle Phases के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म चक्र (Women Menstrual Cycle) को चार चरणों में विभाजित किया गया है। ये सभी चरण अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होते हैं और प्रत्येक महिला में इन चरणों का समय थोड़ा अलग हो सकता है।
🔅 मेंस्ट्रुअल फेज़ (Bleeding Phase)
🔅 फॉलिकुलर फेज (Follicular Phase)
🔅 ओव्यूलेशन फेज (Ovulation Phase)🔅 ल्यूटल फेज (Luteal Phase)
आज हम मासिक धर्म के उन दो चरणों के बारे में जानेंगे, जिनमे सीड्स साइक्लिंग के द्वारा हॉर्मोन्स को संतुलित किया जा सकता है। जिसमे एक चरण को फॉलिकुलर फेज (Follicular Phase in Menstrual Cycle) और दुसरे चरण को ल्यूटल फेज (Luteal Phase in Menstrual Cycle) कहा जाता है।
फॉलिकुलर फेज (Follicular Phase in Menstrual Cycle)
महिलाओं में यह फॉलिकुलर फेज़ मासिक धर्म के पहले दिन से ही यानि मेंस्ट्रुअल फेज़ के साथ ही शुरू हो जाता है और इसकी अवधि 14 दिन अर्थात ओव्यूलेशन फेज़ के ठीक पहले तक होती है। अक्सर आपने सुना होगा कि डॉक्टर कई महिलाओ को Serum FSH का ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। असल में FSH (फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन) वही हॉर्मोन है जो इस फेज़ में एक्टिव होता है।
ल्यूटल फेज (Luteal Phase in Menstrual Cycle)
ल्यूटल फेज़ (Luteal Phase) महिलाओं में मासिक धर्म चक्र का सबसे आखिरी चरण होता है और यह फॉलिकुलर फेज़ के बाद आता है और इसकी अवधि 15वें दिन से 28वें दिन तक होती है। दरअसल ये वही समय होता है जब ज्यादातर महिलाये अपने पेट में दर्द या फिर मूड का स्विंग होना अनुभव करती हैं।
सीड्स साइक्लिंग करने का सही तरीका (How to do Seeds Cycling in Hindi)
अभी तक हमने जाना कि वो कौन से बीज है जिनके इस्तेमाल से आपके शरीर के हॉर्मोन्स संतुलित हो सकते हैं। चलिए अब समझते हैं कि सीड साइक्लिंग कैसे करते है (How to do Seeds Cycling in Hindi) और इन बीजो का इस्तेमाल कब और कैसे करना है?
सीड्स साइकिलिंग की प्रक्रिया का दूसरा मासिक चक्र के 15वें दिन से शुरू होता होता है, जिसे ल्यूटल फेज़ भी कहते हैं। इस फेज़ में डॉक्टर महिलाओं को तिल के बीज (Sesame Seeds) और सूरजमुखी के बीजों (Sunflower Seeds) का दो-दो चम्मच सेवन करने की सलाह देते है। इन बीजों के सेवन से आपके शरीर में FSH (फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन) और LH (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) का स्त्राव बढ़ जाता है। ये बीज ओमेगा -6 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का लेवल को बेलेंस करने में मदद करते हैं।
आप चाहे तो इस प्रक्रिया को Alphabetical Order में भी याद रख सकते हैं जो एक आसान तरीका है।
✔पहला फेज़ - F & P (Flax Seeds & Pumpkin Seeds)
✔दूसरा फेज़ - S & S (Sesame Seeds & Sunflower Seeds)
FAQ
Ques : सीड्स साइक्लिंग के साइड इफेक्ट्स क्या है?
Ans : देखा जाए तो सीड्स साइक्लिंग के कोई बड़े साइड इफेक्ट्स नहीं हैं, लेकिन जिन लोगों को इन बीजों से एलर्जी है उन्हें इस अभ्यास को लागू नहीं करना चाहिए।
Conclusion (निष्कर्ष)
Seeds Cycling के आज के लेख में हमने जाना कि सीड्स साइक्लिंग क्या है, सीड्स साइक्लिंग में कौन से बीज प्रयोग में लाये जाते हैं और इसकी प्रक्रिया क्या है। उम्मीद करते हैं कि ये ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हो।
धन्यवाद!
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